
बिजली चोरी मे पकड़े जाने के उपरांत दोषी व्यक्ति को विभाग द्वारा निर्धारित राजस्व जमा करना होता है| इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ कोड - 2005 के धारा - 8 मे राजस्व निर्धारण हेतु दिशा निर्देश दिये गए हैं | धारा - 152 मे दोषी व्यक्ति को विभाग मे शमन राशि जमा कर दोषमुक्त किए जाने का प्रावधान भी है| ध्यान रहे, शमन केवल एक बार किया जा सकता है, चोरी की पुनरावृति पर शमन अमान्य है| धारा-8 की उपधारा - VII के अनुसार, अगर दोषी व्यक्ति शमन धनराशि जमा कर दे तो राजस्व निर्धारण केवल टैरिफ के सामान्य दर पर होगा|
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ कोड - 2005 के धारा - 8 की उपधारा - VII मे परिवर्तन किया है, जिसे दसवां संसोधन के नाम से जाना जाएगा| ये संसोधन 26-सितम्बर-2017 से मान्य है| दोषी व्यक्ति द्वारा शमन जमा करने पर भी राजस्व निर्धारण मे कोई परिवर्तन नही किया जा सकेगा| अब शमन जमा करने पर भी राजस्व निर्धारण की गणना विद्यमान टैरिफ की दो गुणी दर पर किया जाएगा| शमन केवल कोर्ट केस की कार्यवाही से मुक्ति देने के लिए रह जाएगा|
The clause no. 8.2 (vii) shall be amended as follows:
Existing | Amended |
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If the compounding charges are accepted from the consumer as per the sum prescribed in the Act, any further charges for assessment of units by the licensee shall be at 1.0 times of existing tariff only. | If the compounding charges are accepted from the consumer as per the sum prescribed in the Act, any further charges for assessment of units by the licensee shall be at 2 times of existing tariff only.[/td |