9th Amendment - Electrification of Unelectrified colony @Rs. 35/sq ft
इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ कोड-2005 की धारा - 4.9 के प्रावधान अनुसार, कॉलोनी अथवा प्लोटिंग वाले एरिया मे विद्युतीकरण की ज़िम्मेदारी विकासकर्ता की है| विद्युतीकरण मे आनेवाला सारा खर्च विकासकर्ता द्वारा वहन किया जाना होता है| विभागीय अनुमति प्राप्त कर लिसेन्सी के सुपरवीजन मे विकासकर्ता खुद भी विद्युकरण करा सकते हैं अथवा सम्पूर्ण कॉलोनी के विद्युतीकरण हेतु लाइसेंसी को प्राक्कलन की धनराशि जमा कर सकते हैं|
कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ विकासकर्ता प्लोटिंग तो कर देते हैं, पर विद्युत तंत्र विकसित नहीं करते| सस्ते कीमत मे प्लॉट बेचकर विकासकर्ता जन बुझ कर भाग जाते हैं और विद्युत तंत्र विकसित नहीं करते| इन परिस्थिति मे वहाँ के निवासियों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ता है| उन्हे लाइसेन्सी द्वारा व्यक्तिगत संयोजन भी नहीं दिया जा सकता है|
इस तरह की समस्या के समाधान हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अपने नवमे संसोधन मे इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ कोड-2005 की धारा - 4.9 मे एक और उपधारा (4.9 (k))जोड़ा गया है| यह संसोधन 25-अगस्त-2017 से प्रभावी है|
धारा-4.9 मे नए प्रविधान 4.9(ट) का समावेश - |
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शहरी क्षेत्रो मे अथवा उनसे लगी अविकसित/अन ऊर्जिकृत कॉलोनियों के विद्युतीकरण के उदयेश से जहां की वितरण प्रणाली विकासकर्ता द्वारा विकसित नहीं की गयी है, यह प्रस्तावित है कि वितरण लाइसेन्सी ऐसी कॉलोनियों मे संयोजन हेतु आवश्यक वितरण प्रणाली विकसित करेंगे, जिससे उनके द्वारा एक योजना तैयार कि जाएगी| वितरण प्रणाली के विकास की लागत की पूर्ति हेतु लाइसेन्सी उपभोक्ताओं से प्लॉट साइज़ का रु 35 प्रति वर्ग फुट वसूलेंगे | यह योजना उन कॉलोनियों मे लागू होगी जहां 25% प्लॉट स्वामियों ने अपने घर का निर्माण कर लिया है तथा इनमे से 50% ने एकमुस्त अथवा किश्तों मे लाइसेन्सी की योजना के अनुसार जमा कर दिया है| विकास अधिभार उन भूखंड/गृहस्वामियों द्वारा भी देय होगा, जिनहोने अस्थायी व्यवस्था के माध्यम से संयोजन प्राप्त किए हैं | वितरण प्रणाली के विकास हेतु HT लाइनों का निर्माण STP तथा LT लाइनों का निर्माण PCC पोल के माध्यम से किया जाएगा|
यदि लाइसेन्सी द्वारा रु 35/वर्ग फुट की दर से कॉलोनी के विद्युतीकरण की पूरी लागत का भुगतान प्राप्त नहीं होता है तो शेष धनराशि की वसूली लाइसेन्सी द्वारा वार्षिक राजस्व आवश्यकता के माध्यम से पूंजीगत व्यय के रूप मे की जाएगी|
यह योजना विकास प्राधिकरण/आवास विकास परिषद द्वारा विकसित कोलोनयों पर लागू नहीं होगी क्योंकि ऐसे संगठनो द्वारा विद्युत प्रणाली के विकास के व्यय को भूखंड के मूल्य मे सम्मिलित किया जाता है|
Addition of additional proviso under 4.9(k)- |
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For the purpose of electrification in undeveloped/unelectrified colonies within or adjoining any urban area whose distribution network has not been developed by the developer. It is provided that the distribution licensee shall develop the necessary distribution network to facilitate connections in such colonies for which a scheme shall be prepared by the licensee. To meet the cost of development of distribution network a sum of Rs. 35/sq ft of the plot size shall be charged by the licensee. This scheme will be implemented in those colonies where 25% of plot owner have built thier houses and out of these 25% plot owners 50% resident would have deposited the development charges @Rs. 35/Square Feet of thier plot size in one lump sum or in installments, as per the scheme envisaged by the licensee. The development charges shall also be payable by those plot/houses owners who have taken the connections through temporary arrangements. For development of the networks the HT line shall be built on STP and LT lines on PCC Poles.
If the total cost of electrification of the colony is not recovered by the licensee through payments of @35/sq ft, the remaining mount can be recovered by the licensee as Capex in the ARR.
The scheme would not be applicable in the colonies developed by Development Authorities/ Housing Boards as the charges for developing the electrical infrastructure is already included in the price charged by these organizations for the plots.
nishant · 03-Mar-19 · 04:03 PM
Administrator · 219